प्रत्येक कुंडली ( kundli )में 12 भाव होता है उनमें से कुछ भाव में तो कोई ग्रह बैठे होते हैं और कुछ भाव खाली होते हैं जो खाली भाव है जिसमें कोई ग्रह नहीं बैठा है तो क्या उनका फल नहीं मिलेगा ,जो रहस्य है वह आज हम चर्चा करेंगे दोस्तों जानकारी के लिए 1957 के एक व्यक्ति की कुंडली हमने ली है जिनका जन्मदिन को 12:03 पर जोधपुर जिले में हुआ
कुंडली ( kundli ) में ग्रहों की द्रष्टि
दोस्तों आप देखिए kundli मे 12 भाव में से पहले भाव में दो ग्रह हैं गुरु और चंद्रमा दूसरे भाव में राहु है तीसरे भाव में शनि है यह खाली है चौथा खाली है पांचवा खाली है छाता खाली है सातवां खा लिया दसवीं में सूर्य और बुध है 11वीं में शुक्र और मंगल है और बार-बार है इनका क्या होगा दोस्तों यह एक ज्योतिष का सामान्य से सवाल है लेकिन आप देखिए जहां पर kundli मे गृह बैठे हैं
उन ग्रहों की जहां-जहां दृष्टि है जैसे हर ग्रह आपके घर को देखा है जैसे सूर्य चंद्रमा इसको देख रहे हैं लेकिन kundli मे गुरु कि द्रष्टि पांच सात के अलावा और 9 पर है ऐसे भी अपने समझ सकते हैं तो धनु राशि का स्वामी गुरु होता है वह यहां बैठा है इस गुरु का कन्या राशि है खाली है लेकिन मकर राशि का स्वामी शनि होता है वह यहां बैठा है
मीन राशि मीन राशि का स्वामी गुरु होता है ,तो गुरु खुद अपने घर को देख रहा है, यहां पर एक नंबर राशि है ,जिसका स्वामी है, मंगल दो नंबर लिखा हुआ है मतलब वृषभ राशि है यह घर खाली है राशि का स्वामी कौन होता है इनके अंदर जो राज्य है वह राशि का स्वामी जो है वह इसको ताकत दे रहा है इसके मालिक इसका भी है यहां पर किराए पर कन्या राशि में है तो यह है कोई ग्रह नहीं है खाली घरों में भाव में भावों का फल चाहे सुख है राशि है उसके स्वामी कहां बैठे हैं वह वहां से इनको बोल दे रहे हैं
मीन राशि मीन राशि का स्वामी गुरु होता है ,तो गुरु खुद अपने घर को देख रहा है, यहां पर kundli मे एक नंबर राशि है ,जिसका स्वामी है, मंगल दो नंबर लिखा हुआ है मतलब वृषभ राशि है यह घर खाली है राशि का स्वामी कौन होता है इनके अंदर जो राज्य है वह राशि का स्वामी जो है वह इसको ताकत दे रहा है इसके मालिक इसका भी है यहां पर किराए पर कन्या राशि में है तो यह है कोई ग्रह नहीं है खाली घरों में भाव में भावों का फल चाहे सुख है राशि है उसके स्वामी कहां बैठे हैं वह वहां से इनको बोल दे रहे हैं
तो प्रत्येक 12 भाव है 12 भावों के स्वामी कहीं और जगह बैठे हैं और असली वह मालिक इस घर का है लेकिन बैठे कहीं हैं और इस रूप में ऐसा समझ सकते हैं खाली स्थान का क्या होगा यह लोग अक्सर मानते हैं दोस्तों खाली स्थान पर जो राशि है उसे राशि का स्वामी जहां बैठा हुआ है वह वहां से इस भाव को बल दे रहा है यह समझने की बात है
जैसे मेरी कुंडली में गुरु लग्न स्थान में बैठा है , जिसपर 7 संख्या है जिसका अर्थ है कि तुला लग्न है जिसका राशी स्वामी शुक्र हैं जबकि शुक्र दसवे भाव में स्थित है चोथा भाव मकर राशी मे जिसका स्वामी शनि है . तो शनि इसको बल दे रहा होगा अब ये अच्चा फल देगा या ख़राब ये इस बात पर निभर करेगा कि शनि कहाँ पर विराजमान है .

जैसे मेरी कुंडली मे सातवे भाव में है जिस पर संख्या 1 अंकित है अर्थात मेष राशी मैं है और मेष में शनि नीच का होता है जोकि ख़राब फल देता है चौथा भाव माता का स्थान होता है, तो यह माता से सम्बन्ध कभी मधुर नहीं होने देगा. यही गूढ़ रहस्य है
खाली घर क्या है है?
तो प्रत्येक 12 भाव है 12 भावों के स्वामी कहीं और जगह बैठे हैं और असली वह मालिक इस घर का है लेकिन बैठे कहीं हैं और इस रूप में ऐसा समझ सकते हैं खाली स्थान का क्या होगा यह लोग अक्सर मानते हैं दोस्तों खाली स्थान पर जो राशि है उसे राशि का स्वामी जहां बैठा हुआ है वह वहां से इस भाव को बल दे रहा है यह समझने की बात है